अकबर और बीरबल-एक फटे चादर की कहानी

 अकबर और बीरबल

एक फटे चादर की कहानी 


जब भी बुद्धिमत्ता, चतुराई और हाजिर-जवाबी की बात होती है, तो सबसे पहला नाम बीरबल का आता है। वहीं, अकबर-बीरबल की जुगलबंदी किसी से छुपी नहीं है। बीरबल को बादशाह अकबर के नवरत्नों में से एक अनमोल रत्न माना जाता था। अकबर-बीरबल से जुड़ी ऐसी कई कहानियां हैं, जो हर किसी को गुदगुदाती हैं। साथ ही एक खास सीख भी दे जाती हैं।अकबर-बीरबल की कहानियां हमेशा से सभी के लिए प्रेरणादायक होती हैं। बीरबल ने अपनी चतुराई और बुद्धिमता से कई बार बादशाह अकबर के दरबार में आए पेचीदा मामलों को सुलझाया। साथ ही बादशाह अकबर की ओर से दी गई चुनौतियों को सहर्ष स्वीकार कर, उनका हल निकाला। बेशक, ये किस्से-कहानियां सदियों पुरानी हैं, लेकिन वर्तमान में भी इनका महत्व कायम है। अगर आप अपने बच्चों को मानसिक रूप से मजबूत बनाना चाहते हैं या उसे यह सिखाना चाहते हैं कि कैसे हर समस्या का हल शांत रहकर व दिमाग का इस्तेमाल करके किया जा सकता है, तो अकबर-बीरबल की कहानियों से बेहतर कुछ नहीं है। हमारे कहानियों के इस भाग में पढ़िए अकबर-बीरबल के वो किस्से और कहानियां, जो बच्चों के जीवन को सही दिशा देंगे।


#एक फटे चादर की कहानी#


एक बार की बात है जब अकबर के सभी मंत्रियों ने बादशाह अकबर से कहा कि आप हर समस्या के लिये बीरबल को ही क्यों याद करते हैं कभी हमें भी याद कर लिया कीजिए। तब इसी बात पर सभी में जंग छिड़ गयी। तब बादशाह ने एक तरकीब सोची। बादशाह ने अपने बीरबल समेत सभी मंत्रियों को एक फटा चादर दिया जिसमें एक बड़ा सा छेद था और कहा कि इस चादर को राज्य में ले जाकर एक हजार दीनार में बेचना है। सभी मंत्री आश्चर्यचकित हो गये और मन में सोचने लगे कि इस फटी चादर के एक हजार दीनार कौन देगा। लेकिन अब सभी मंत्रियों को अपने आपको बुद्धिमान शाबित जो करना था सो सभी मंत्री फटी चादर लेेेकर ही बेचने के लिये चल दिये ।अब उन सभी में बीरबल तो थे ही बुद्धिमान तो वे एक दूसरे राज्य में जाकर चिल्लाने लगे कि ये एक अनोखा चादर ले लो तो वहाँ के लोगों ने कहा कि बीरबल जी इस फटे चादर में ऐसा क्या अनोखा है जो आप इसे बेचने आये हैं तो उन्होनें बताया कि यह चादर भविष्य बताता है। यही बात उस राज्य के बादशाह को पता चली तो बादशाह ने कहा उन्हें दरबार में बुलाया जाये। हम भी तो देखें कि ये कैसे भविष्य बताता है। तब बीरबल को दरबार में बुलाया गया। और बीरबल ने वही विशेषता बताई उस चादर कि जो बादशाह ने अपने दरबारियों से सुनी थी। तब बादशाह ने बीरबल से कहा कि यह कैसे संभव है। बीरबल ने कहा कि यह केवल उसी का भविष्य बतायेगा जिसने आजतक कभी कोई पाप ना किया हो। यह सुनकर बादशाह ने कहा कि हमें इसका परीक्षण करके दिखाया जाए बीरबल से कहा जो हुकुम हुजूर। तब बादशाह का एक मंत्री आया और उसने उस चादर के छेद मे से देखा तो उसे उस पार बैठे अन्य मंत्री दिखायी दिये। अब चादर तो साधारण है और उसमें एक बड़ा सा छेद भी था तो उसमें तो आरपार ही दिखायी देगा। लेकिन मंत्री ने सोचा कि यदि सच बोल दिया तो सभी सोचेंगे कि मेंनै जरूर कोई ना कोई पाप किया होगा और मुझे सभी के सामने शर्मिन्दा होना पड़ेगा। और बीरबल तो कभी झूठ बोलता नहीं है तो मैं ही झूठ बोल देता हूँ। तो उस मंत्री ने कहा कि हाँ जहाँपनाह मुझे इसमें भविष्य दिखाई देता है। तब अन्य बाकी सभी मंत्रियों के साथ भी ऐसा ही हुआ । यह देखकर बादशाह की उत्सुकता बढ़ गयी और बोले मैं भी अपना भविष्य देखना चाहता हूँ तो बादशाह सामने आये और उनके साथ भी यही हुआ और उन्होने भी झूठ बोल दिया की हाँ ये भविष्य बताता है । इसके बाद बीरबल को उस चादर के बदले बहुत सारी दीनारे दी गयी और वह खुश होकर अकबर के दरबार आता है। इसके बाद बाकी मंत्री भी आते हैं । सभी मंत्री कहते हैं कि ये फटी चादर किसी ने भी नहीं खरीदी है। तब अकबर ने बीरबल से पूंछा कि तुमने इतनी सारी दीनारें कैसे कमा ली। तब बीरबल ने सारा वृतांत सुनाया जिससे वहाँ उपस्थित सभी व्यक्ति दंग रह गये। तब अकबर ने सभी मंत्रियों से कहा देखा आप सभी ने बीरबल कितना बुद्धिमान है बस मैं इसीलिये हर प्रकार की समस्या के लिये बीरबल को ही याद करता हूँ ।



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